भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले 10 दिनों में बीएसीपी-कांग्रेस गठबंधन का ऐलान हो जाएगा। माना जा रहा है कि चर्चाएं पूरी हो चुकीं हैं बस गठबंधन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मुताबिक राहुल गांधी और मायावती के बीच एक औपचारिकत मुलाकात शेष है। आपको बता दें कि जब, तीन दिन पहले, मायावती ने कहा था कि कांग्रेस और BJP दोनों को ही पेट्रोल के लगातार बढ़ते दामों की जिम्मेदारी लेनी होगी, तो BJP काफी उत्साहित हुई थी। इतना ही नहीं मायावती ने अपनी पार्टी को कांग्रेस द्वारा आहूत उस 'भारत बंद' में शिरकत से भी मना कर दिया था, जो कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों के मुताबिक BJP द्वारा अर्थव्यवस्था के 'घोर कुप्रबंधन' के खिलाफ बुलाया गया था।
कमलनाथ के इस बयान और मध्य प्रदेश में गठबंधन के लिए बातचीत करतीं मायावती के रुख को कांग्रेस में राजनैतिक अखाड़े पर काबिज होने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। कमलनाथ ने NDTV से बातचीत में बताया कि जब हमने बातचीत शुरू की थी, वे 50 सीटें चाहते थे, लेकिन अब वे ज्यादा समझदारी से बात कर रहे हैं, क्योंकि वे भी देख रहे हैं कि दांव पर क्या लगा है, और हम दोनों का साझा मकसद BJP को हराना है। अगले 10 दिन के भीतर कोई न कोई समझौता हो जाने की उम्मीद है।
'निर्विवाद साथी' के रूप में उभरकर सामने आईं मायावती
वर्ष 2014 में सिर्फ 4.2 फीसदी वोट हिस्सेदारी पाने वाली मायावती इस चुनाव में निश्चित रूप से 'निर्विवाद साथी' के रूप में उभरकर सामने आई हैं। इस साल उत्तर प्रदेश में हुए तीनों उपचुनावों में मायावती ने पूर्व प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव के साथ गठजोड़ किया (कैराना में तो उन्होंने कांग्रेस को भी साथी बनाया), और एकजुट विपक्ष के लिए उस ज़मीन पर 3-0 का नतीजा हासिल किया।
यूपी में बीजेपी का सफाया किया
एक ही साल पहले BJP ने अभूतपूर्व जीत हासिल की थी, और लगभग सूपड़ा साफ करते हुए देश के सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी।
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