जालौन/जगम्मपुर। यूं तो बुन्देलखंड में कई पर्यटक स्थल है, लेकिन जनपद जालौन का पचनद धाम कुछ खास ही है। यहां पर पांच नदियों का मिलन होता है जो अपने आप में अनूठा है।
त्रिवेणी कहे जाने वाले प्रयागराज के संगम से तो देश और दुनिया वाकिफ है। इससे बड़ा कहीं संगम देखना हो तो जालौन तथा इटावा औरैय्या के मध्य बसा दुनिया का इकलौता संगम पंचनद धाम है। प्राकृतिक छटा के बीच अद्भुत नजारा पचनद पर है। पांच नदियां यमुना, चंबल, क्वारी, सिन्ध पहुज का संगम देखते ही बनता है। पचनद पर अनूठा जल संसार भी बसा है जहां अनन्य प्रकार के जलीय जीव दिखते हैं। विदेशी पक्षियों का कलरव भी उत्सुकता पैदा करता हैं
पचनद पहुंचने के बाद तब पलक झपकाने का मन भी नहीं करता है जब अंतरराष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन अठखेलियां करती दिखती है। घडिय़ाल और मगरमच्छ के अलावा पानी में तैरते सैकड़ों प्रजाति के कछुए और मछलियां देखने का भी तुत्फ उठा सकेंगे। विदेशी पक्षियों में इजरायल का राष्ट्रीय पक्षी हुदहुद भी नजर आएगा। वन क्षेत्र में जंगली जानवरों की अगर बात करें तो तेंदुआ, लकड़बग्घा, सॉभर, बारहङ्क्षसघा, जंगली सूअर, नील गाय देखने को मिल जाएंगे कार्तिक पूर्णिमा से लगने बाले मेले में यहां की प्रसिद्ध जलेबी तथा सिंघाड़ा और अलबर की बकरी एक बकरी की कीमत दो लाख तक बताई जा रही है